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Neem Karoli Baba जो आज भी पूरी करते हैं सबकी मनोकामना

दोस्तों आज मैं आपसे बात कर रहा हूँ, Neem Karoli Baba की भारत के एक ऐसे दिव्य पुरुष जिनको लोग हनुमान जी का अवतार मानते हैं। दिव्यता ऐसी की जिसको जो आशीर्वाद दे दिया वो फलीभूत हो जाता था, जो उन्होंने कह दिया वो पत्थर की लकीर बन जाया करती थी, यानी कि उसे पूरा होना हीं था।
लाखों भक्तों ने बाबा के अलौकिक शक्ति के बारे में बताया है। बाबा के भक्त देश हीं नहीं विदेश में भी लाखों की संख्या मैं हैं। जो हर जाति हर धर्म से हैं। जिनपर बाबा की कृपा हमेशा बनी रही और अब भी बनी रहती है।
जिनको लोग नीब करौरी बाबा ( Neem Karoli Baba ) या महराज जी के नाम से जानते हैं। उनका यह नाम उनकी तपःस्थली नीब करौरी गॉव के नाम पर पड़ा, जो उत्तर प्रदेश के फ़हरुखाबाद जिले में पड़ता है।
आज भी कैंची धाम में लगती है भक्तों की कतार

महराज जी को हनुमान जी से ढेरों सिद्धियां प्राप्त थी। बाबा ढोंग आडम्बर से दूर न माथे पर तिलक न गले में कंठी माला एकदम साधारण मनुष्य की तरह दीखते थे।
शरीर पर कम्बल उनकी पहचान थी।क्या अमीर क्या गरीब किसी में कोई भेद भाव नहीं करते थे।
सबके साथ एक दृष्टि रखते थे।बाबा ने अपना अधिकांश समय कैंची धाम में बिताया।
बाबा के भक्त
बाबा के भक्तों में क्या बड़े क्या छोटे सभी लोग शामिल थे। भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से एक आम आदमी तक बाबा के भक्तों में सुमार हैं जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां भी बाबा ( Neem Karoli Baba ) के भक्त हैं।
खुद फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से एक इंटरव्यू में अपने बाबा के भक्त होने की बात बताई थी, और यह स्वीकार किया था की बाबा के आश्रम कैंची धाम के दर्शन के बाद उनके जीवन में काफी बदलाव आया और वो सफलता की सीढिया चढ़ते चले गए, और उनको वहाँ जाने की प्रेरणा एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स से मिली थी जो खुद बाबा के अनन्य भक्तों में से एक थे।
बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम के पुस्तक में बाबा के बारे में लिखा है।
आज भी पूरी होती है भक्तों की मनोकामना
वैसे तो बाबा के मंदिर देश विदेश हर जगह है पर नैनीताल से महज़ 60 से 65 किलोमीटर दूर है, कैंची धाम जहां बाबा का आश्रम भी है और जहां बाबा ने ज्यादा समय बिताया वहां लगता है भक्तों का ताता, वहाँ जा कर हनुमान जी के और बाबा के दर्शन मात्र से पूरी होती हैं सारी मनोकामनाएं।
बाबा नीम करोली के इस पावन धाम के बारे में ढेरों चमत्कार हैं , एक जनश्रुति के अनुसार एक बार आश्रम में प्रसाद बनाने में उपयोग होने वाला घी काम पड़ गया और बाबा के आदेश पर जब आश्रम के पास की बहती नदी का जल लाकर कढ़ाई में डाला गया तो वह घी बन गया। ऐसे तमाम किस्से बाबा के चमत्कारों के भरे पड़े हैं।
आज भी बाबा लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में दर्शन दे देते हैं, कभी स्वप्न में तो कभी यथार्थ में, बाबा के सूक्ष्म शरीर धारण के बाद भी बाबा के प्रत्यक्ष दर्शन की कई लोगों ने पुस्टि की है।
आज भी बाबा के दर्शन के लिए वहाँ भक्तों की कतार लगी रहती है और बाबा सबकी मनोकामना पूरी करते हैं।